Sanjha Morcha

भूतपूर्व सैनिकों ने दी थी चेतावनी

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ये थीं पूर्व सैनिकों की मांग, सरकार से ये मिला
हालांकि अधिसूचना जारी होने के बाद पूर्व सैनिकों के आंदोलन का नेतृत्व कर रहे मेजर जनरल सतबीर सिंह (रिटायर्ड) ने कहा कि जिन नियमों के साथ ओआरओपी को लागू किया गया है, उसे स्वीकार नहीं किया जा सकता।
यह वन रैंक वन पेंशन नहीं बल्कि वन रैंक फाइव पेंशन है। मालूम हो कि ओआरओपी को लागू करने की मांग को लेकर पिछले कई महीने से पूर्व सैनिक जंतर-मंतर पर आंदोलन कर रहे हैं।
केंद्र सरकार ने 5 सितंबर को पूर्व सैनिकों के लिए वन रैंक वन पेंशन का ऐलान किया था लेकिन इस योजना के लागू होने में देरी को देखते हुए पूर्व सैनिकों ने शुक्रवार को अपने आंदोलन को और तेज करने, काली दिवाली मनाने और 9 नवंबर से देशभर में अपने मेडलों को लौटाने की घोषणा की थी।

ये थीं पूर्व सैनिकों की मांग
1. वीआरएस लेने वालों को भी मिले फायदा
2. हर साल नहीं तो हर दो साल में हो पेंशन की समीक्षा
3. वर्ष 2013 की अधिकतम पेंशन को आधार माना जाए
4. पांच सदस्यीय न्यायिक आयोग बने और इसमें तीन पूर्व सैनिक हों तथा एक माह में अपनी रिपोर्ट दे
5. पूर्व सैनिक एक अप्रैल 2014 से ओआरओपी को लागू करवाना चाहते थे

सरकार से ये मिला
1. अब से वीआरएस लेने वालों को ओआरओपी का फायदा नहीं
2. हर पांच साल में होगी समीक्षा
3. वर्ष 2013 की औसत पेंशन को आधार माना जाएगा
4. एक सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन और छह महीने में आएगी रिपोर्ट
5. सरकार ने एक जुलाई 2014 से लागू किया

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