Consequent to certain back channel initiative, A Meeting between ESM delegation and Mos Fin, took place in a very cordial environment between 0030 and 0115h last night. Despite the late hours past mid night. MOS was instructed by the PMO to discuss the issue and request the veterans to call off the Dharna.
MOS then rang up FM in presence of the delegation members however, he could not be reached. He gave an assurance that he would ring up the FM again in the morning and accordingly info Gen Satbir.
He further confirmed to the delegation that a meeting would take place by Wednesday for an unlimited time to resolve the total details of the issue. As he is a finance man, it is hoped that he may be able to resolve the issue Finally. More as the nod last night seems to have come from. PMO.
Based on this assurance 2 km Marg was vacated and the protesters returned to JM.
The above message was received from Ground Zero last night.
ओआरओपी : वित्त मंत्री अरुण जेटली के घर के बाहर धरने पर बैठे पूर्व सैनिक
नई दिल्ली: वन रैंक वन पेंशन की मांग को लेकर जंतर मंतर पर बैठे पूर्व सैनिकों ने केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली के बाहर अपना नया ठिकाना बना लिया है। रविववार सुबह नौ बजे से ही पूर्व सैनिक वित्त मंत्री के घर के बाहर धरने पर बैठ गये हैं।
ये सैनिक जेटली को ही सही तरीके से ओआरओपी लागू नहीं होने के लिये जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। इससे कृष्णा मेनन मार्ग का एक ओर का रास्ता बंद हो गया है। वैसे पिछले 216 दिन से दिल्ली के जंतर पर भी ओआऱओपी को लेकर पूर्व सैनिकों का धरना जारी है।
पिछले हफ्ते भी इन सैनिकों ने वित्त मंत्री के अधिकारिक निवास के बाहर धरना दिया था लेकिन भरोसा मिलने पर फिर वहां से उठ गए। लेकिन अब इन्होंने तय किया है कि जब तक सरकार बातचीत के लिये आगे नहीं आती है, ऐसे ही सैकड़ों पूर्व सैनिक सड़क पर बैठे रहेंगे। इस महीने की शुरुआत में पूर्व सैनिक वित्त मंत्री से मिले थे और उन्हें ओआरओपी में हुई विसंगतियों के बारे में बताया था। तब सरकार ने भरोसा दिया था कि इस हफ्ते वो कुछ जबाब देगी।
इंडियन एक्स सर्विसमेन मूवमेंट के चेयरमेन मेजर जनरल सतबीर सिंह ने कहा कि हमने तीन जनवरी को जेटली से मुलाकात की औऱ उन्होंने कहा कि एक हफ्ते के भीतर वो रक्ष मंत्री मनोहर पर्रिकर से बात करेंगे। फिर 9 जनवरी को हमने चिट्ठी लिखी और उनके दफ्तर में बात की लेकिन कोई जवाब नहीं आया। लिहाजा हमलोगों के पास घेराव करने के अलावा कोई और रास्ता नहीं बचा। अब हमने तय कर लिया है जब तक रक्षा मंत्री और वित्त मंत्री आकर हमसे बात नहीं करते तब तक हम यहां से नहीं उठेंगे।