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Himachal News: राइफल की तरह ड्रोन चलाने में पारंगत होंगे सेना के जवान, इन्होंने दी जानकारी

सार

वीरवार को आरट्रैक के अलंकरण समारोह में आरट्रैक के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल देवेंद्र शर्मा ने कहा कि भारतीय सेना के जवान राइफल की तरह अब ड्रोन चलाने में भी पारंगत होंगे। पढ़ें पूरी खबर…

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Army soldiers will be proficient in operating drones like rifles Investiture ceremony shimla

सेना प्रशिक्षण कमान में आयोजित अलंकरण समारोह के दौरान सेना के अधिकारी – फोटो : अमर उजाला नेटवर्क

विस्तार

भारतीय सेना के जवान राइफल की तरह अब ड्रोन चलाने में भी पारंगत होंगे। ऑपरेशन सिंदूर से मिली सीख के बाद आरट्रैक (आर्मी ट्रेनिंग कमांड) सैनिकों को 2027 तक विशेष ड्रोन प्रशिक्षण देगा। आरट्रैक के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल देवेंद्र शर्मा ने वीरवार को आरट्रैक के अलंकरण समारोह में यह बात कही। कहा कि आरट्रैक ने 33 प्रमुख तकनीकों की पहचान की है, जिन्हें प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा।Trending Videoshttps://videocdn.amarujala.com/trending-player#mute&is_amp

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अर्मेनिया-अजरबैजान, रूस-यूक्रेन और इजराइल-हमास के बीच युद्ध में तकनीक खासकर ड्रोन का निर्णायक उपयोग हुआ है। ऑपरेशन सिंदूर से यह सिद्ध हो गया कि भारतीय सेना भी आधुनिक तकनीक को शीघ्रता से अपना सकती है। आरट्रैक का सेंटर फॉर आर्मी लेसंस लर्न्ड इन अभियानों का अध्ययन कर प्रशिक्षण प्रणाली को लगातार बेहतर कर रहा है। आरट्रैक भारतीय सेना के डिकेड ऑफ ट्रांसफॉर्मेशन में केंद्रीय भूमिका निभा रहा है।विज्ञापनhttps://e1e9ca22900027a6e24bb42a9e2c1adf.safeframe.googlesyndication.com/safeframe/1-0-45/html/container.html?n=0

शर्मा ने कहा कि वर्ष 2024–25 को सेना ने आधुनिक तकनीकी समावेश का वर्ष घोषित किया है। ड्रोन युद्ध, साइबर क्षमताएं, बैटलफील्ड एआई और इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर को रणनीतिक तौर पर प्रशिक्षण में शामिल किया गया है। इसके लिए प्रशिक्षण संस्थानों में 14 विशेषज्ञता केंद्र स्थापित किए गए हैं। 2030 तक इन सभी तकनीकों को पूरी तरह प्रशिक्षण में शामिल करने का लक्ष्य है। इसके लिए अगले पांच वर्षों में 390 करोड़ रुपये का निवेश होगा।

महिलाओं को हर मोर्चे पर समान अवसर
देवेंद्र शर्मा ने कहा कि आरट्रैक महिलाओं को हर मोर्चे पर समान अवसर देने के लिए वचनबद्ध है। मौजूदा समय में 1571 महिलाएं सेवाएं दे रही हैं, इनमें से कई महिलाएं महत्वपूर्ण पदों पर कार्यरत हैं। लैंगिक संवेदनशीलता प्रशिक्षण को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया गया है।

12,000 और सैनिक 21 नई तकनीकों में बनेंगे दक्ष
2024–25 में अब तक 18,000 जवानों को 22 तकनीकों में प्रशिक्षित किया गया है, 2025–26 में 12,000 अन्य सैनिकों को 21 नई तकनीकों में प्रशिक्षण देने का लक्ष्य है। आरट्रैक पूरे देश की भागीदारी के सिद्धांत पर कार्य कर रहा है। थिंक टैंक, विश्वविद्यालयों, अनुसंधान संस्थानों और स्टार्टअप के साथ समझौता ज्ञापनों के माध्यम से तकनीक को सेना में शामिल किया जा रहा है।