दक्षिणी कश्मीर के पुलवामा जिले के पम्पोर में ईडीआई भवन में 3 दिनों से छिपे तीन आतंकवादियों को सुरक्षा बलों ने सोमवार को मार गिराया। सूत्रों ने बताया कि तीनों आतंकवादियों के मारे जाने के बाद अभियान रोक दिया गया है। तीनों आतंकवादियों के शव बरामद कर लिए गये हैं। घटनास्थल से भारी मात्रा में हथियार एवं विस्फोटक भी बरामद हुए हैं।
यह आतंकवादी शनिवार को सीआरपीएफ के काफिले पर हमला करने के बाद इस इमारत में छिप गये थे। इस हमले में शनिवार को 2 जवान शहीद हो गये थे और एक असिस्टेंट कमांडेंट समेत 13 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गये थे। बाद में मुठभेड़ के दौरान सेना के 2 कैप्टन और एक लांस नायक भी शहीद हो गये।
इससे पहले जीओसी-15 कॉर्प के लेफ्टिनेंट जनरल एसके दुआ ने बताया कि रविवार पूरी रात और सोमवार सुबह रुक-रुक कर गोलीबारी होती रही। उजाला होते ही सुरक्षाबलों ने इमारत में छिपे आतंकवादियों के खिलाफ अभियान तेज कर दिया। स्थानीय पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि आतंकवादियों को बाहर निकालने के लिए मोर्टार दागे गये। मुठभेड़ के दौरान भवन के ऊपरी तल पर आग लग गयी, जिससे आतंकवादी परिसर के एक हिस्से में चले गये जहां उनको मार गिराया गया।
एक तरफ जहां मुठभेड़ चल रही थी वहीं पम्पोर शहर और आसपास के इलाके के लोगों ने नारेबाजी शुरू कर दी और पथराव करने लगे। प्रदर्शनकारियों को भगाने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और रबर की गोलियां चलायीं।
जींद के लाडले को विदा करने पहुंचा जनसैलाब
जींद (हप्र): पम्पोर में आतंकियों से लोहा लेते शहीद हुए कैप्टन पवन कुमार का आज उनके पैतृक गांव बधाना में पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया। उनके चचेरे भाई संदीप ने मुखाग्नि दी। सोमवार दोपहर को शहीद कैप्टन पवन कुमार का पार्थिव शरीर हेलीकॉप्टर से जींद की पुलिस लाइन में पहुंचा। लाडले देशभक्त को सलाम करने के लिए सैकड़ों की तादात में युवा, बुजुर्ग व महिलाएं वहां पहुंच गयीं। वहां से उनके पार्थिव शरीर को खुली गाड़ी में ले जाया गया। सड़कों के दोनों तरफ खड़े लोगों ने शहीद पर पुष्प वर्षा की। अमरहेड़ी, कंड़ेला, शाहपुर ,नगूरां गांव में जैसे ही शहीद को लिये गाड़ी गुजरी तो लोगों ने सड़कों के दोनों तरफ ‘कैप्टन पवन कुमार अमर रहे’ के नारे लगाये। ब्रिगेडियर राकेश मंगोतरा ने शहीद के पार्थिव शरीर से राष्ट्रीय ध्वज उतारकर शहीद के पिता राजबीर को सौंपा। सेना अधिकारियों ने शहीद के पार्थिव शरीर पर पुष्प चक्र चढ़ाये। सेना की टुकड़ी ने सैन्य परम्परा के अनुरूप शहीद की शहादत को नमन किया। हरियाणा पुलिस की टुकड़ी ने मातमी धुन बजाकर तथा शस्त्र झुकाकर शहीद को नमन किया।
पवन कुमार अपने माता-पिता की इकलौती संतान थे और अविवाहित थे।
आतंकियों को खत्म करने का जज्बा बचपन से था
जम्मू (सुरेश डुग्गर): पम्पोर में आतंकियों से लड़ते हुए शहीद हुए 9-पैरा कमांडो के कैप्टन तुषार महाजन बचपन से ही सेना में जाकर देश के दुश्मनों को धूल चटाना चाहते थे। तुषार के साथ पढ़े उनके बचपन के दोस्त सुशांत बताते हैं कि सेना में जाना ही उनका लक्ष्य था। एक बार क्लास में निबंध लिखने को कहा गया तो तुषार ने लिखा ‘मेरा लक्ष्य सेना में भर्ती होकर आतंकियों का खात्मा करना है।’ वह भी ऐसी उम्र में, जब उनके साथ के बच्चों को पता भी नहीं था कि सेना क्या होती है और आतंकवादी कौन? कैप्टन तुषार के पिता रिटायर्ड स्कूल प्रिंसिपल देव राज ने बताया कि उनका बेटा हमेशा सेना में जाना चाहता था, इसलिए 16 साल की उम्र में ही जब एनडीए के लिए सिलेक्शन हो गया तो परिवार ने उसे रोका नहीं। बेटे के जाने के दुख में डूबे होने के बावजूद देव राज के चेहरे पर अफसोस के भाव नहीं थे। उन्होंने कहा कि उनके बेटे पर पूरे देश और उसके शहर को गर्व है। देश के लिए जान कुर्बान करने का मौका बहुत कम लोगों को ही नसीब होता है। उन्होंने देश के नेताओं से अपील की कि उनके बेटे की शहादत बेकार न जाये।
लश्कर-ए-तैयबा की साजिश
ऑपरेशन का जिम्मा संभाल रहे विक्टर फोर्स के जनरल ऑफिसर कमांडिंग मेजर जनरल अरविंद दत्ता ने कहा कि आतंकवादी विदेशी थे और संभवत: आत्मघाती दस्ते के थे। दिल्ली में सीआरपीएफ के महानिदेशक प्रकाश मिश्रा ने कहा कि शुरुआती जांच से पता चलता है कि हमले के पीछे आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का हाथ है।