Sanjha Morcha

उत्तरी कश्मीर के बारामूला के इमरान अहमद ने देहरादून में आईएमए में अफसर की वर्दी पहनी। वह पहले सेना में राइफलमैन थे। स्पेशल कमीशंड ऑफिसर स्कीम के तहत अब लेफ्टिनेंट बन गए हैं। उन्होंने 2017 में सेना ज्वाइन की थी। कंपनी कमांडर लेफ्टिनेंट नी…

हरादून: देहरादून में इंडियन मिलिट्री एकेडमी (IMA) से एक अनोखी कहानी सामने आई है। यह कहानी हिम्मत, लगन और ऊँची उड़ान भरने की इच्छाशक्ति की मिसाल है। उत्तरी कश्मीर के बारामूला जिले के 27 साल के इमरान अहमद ने शनिवार को आईएमए में अफसर की वर्दी पहनी। इमरान कभी भारतीय सेना में राइफलमैन थे। अब वह स्पेशल कमीशंड ऑफिसर (SCO) स्कीम के तहत लेफ्टिनेंट बन गए हैं। उन्होंने 2017 में सेना ज्वाइन की थी।

इमरान ने गुजरात और जम्मू-कश्मीर के उरी सेक्टर में अपनी सेवाएं दीं। अपनी सर्विस के दौरान उन्हें अपने कंपनी कमांडर, लेफ्टिनेंट नीरज जोशी से प्रेरणा मिली। लेफ्टिनेंट जोशी ने ही उन्हें SCO स्कीम के बारे में बताया था। यह स्कीम सैनिकों को अफसर बनने का रास्ता दिखाती है। इस विचार से उत्साहित होकर इमरान ने सर्विसेज सिलेक्शन बोर्ड (SSB) की तैयारी शुरू कर दी। उन्होंने SSB को सफलतापूर्वक पास कर लिया।

इमरान ने कहा, “यह आसान नहीं था।” उन्होंने आगे कहा, “लेकिन सबसे आगे रहकर नेतृत्व करने के सपने ने मुझे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।” इमरान दो छोटी बेटियों के पिता हैं। उन्होंने कश्मीर के युवाओं से सेना को एक अच्छा और सम्मानजनक करियर विकल्प मानने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, “वर्दी में देश की सेवा करने से बड़ा कोई गर्व नहीं है।”