Gopeshwar (Uttarakhand), May 25
The Sikh shrine of Hemkund Sahib was reopened this morning with over five thousand devotees paying obeisance at shrine in the Himalayas.
The gates of the pilgrimage centre were opened at 9.30 am after which traditional prayers were offered, a shrine official said.
The first ‘ardas’ was offered as soon as the gates were opened a recitation of the ‘Sukhmani’ sahib was done after that, Seva Singh, a representative of the shrine’s management committee, said.
About an hour later a shabad kirtan was also held, he said.
Over 5,000 devotees offered prayers at the Sikh shrine located at height of 16,000 ft above the sea level, he said.
Guru Gobind Singh is said to have performed ‘Tapasya’ at Hemkunt Sahib, which is situated about 21 km away from Govindghat on the Badrinath National Highway. —PTI
Dekho Shri Hemkunt Sahib De Raste Vich Kive Pendi Hai Baraf
5,000 devotees offer prayers at Hemkunt Sahib on Day 1
Gopeshwar, May 25
The Sikh shrine of Hemkunt Sahib was reopened this morning with over 5,000 devotees paying obeisance at shrine in the Himalayas.The gates of the pilgrimage centre were opened at 9.30 am after which traditional prayers were offered, a shrine official said.The first ‘ardas’ was offered as soon as the gates were opened a recitation of the ‘Sukhmani’ sahib was done after that, Seva Singh, a representative of the shrine’s management committee, said.About an hour later a shabad kirtan was also held, he said.Over 5,000 devotees offered prayers at the Sikh shrine located at height of 16,000 ft above the sea level, he said.Guru Gobind Singh is said to have performed ‘Tapasya’ at Hemkunt Sahib which is situated about 21 km away from Govindghat on the Badrinath National Highway. —PTI
5200 फुट की ऊंचाई पर स्थित है हेमकुंट साहिब, इन कठिनाईयों से होकर यहां पहुंचते हैं श्रद्धालु
यह गुरुद्वारा उत्तराखंड के चमोली जिले में है. यह सिखों का एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है.
हिमालय में 15,200 फुट की ऊंचाई पर बर्फीली झील किनारे सात पहाड़ों के बीच बना है हेमकुंट साहिब गुरुद्वारा. इसे गुरुवार 25 मई से श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिया गया है. यह गुरुद्वारा उत्तराखंड के चमोली जिले में है. यह सिखों का एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है. एक नजर इससे जुड़ी रोचक बातों पर-
- हेमकुंट साहिब के आसपास अभी भी बर्फ जमी रहती है. जिसे काटकर सेना के जवान श्रद्धालुओं के लिए रास्ता बना देते हैं.
- उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित बदरीनाथ, केदारनाथ सहित चारों धामों की तरह हेमकुंट साहिब क्षेत्र के भी सर्दियों में भारी बर्फवारी और भीषण ठंड की चपेट में रहने के कारण उसके कपाट श्रद्वालुओं के लिये बंद कर दिये जाते हैं जो अगले साल गर्मियों में दोबारा खोल दिये जाते हैं.
- ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे के गोविंद घाट से पैदल चढ़ाई करने के बाद हेमकुंट साहिब पहुंचा जाता है.
- गोविंदघाट ऋषिकेश से सड़क मार्ग से 290 किमी दूर बदरीनाथ के पास है.
- गोविंदघाट पहुंचने के बाद भी और 19 किमी पैदल चलना पड़ता है, जिसके बाद पवित्र हेमकुंट साहिब के दर्शन होते हैं.
- हेमकुंट साहिब के दर्शन के बाद तीर्थयात्री गोविंदघाट से 13 किमी दूर घांघरिया में रात्रि विश्राम करते हैं.
हेमकुंट साहिब के कपाट खुले, छह महीने बर्फ से ढका रहता है गुरुद्वारा…
प्रसिद्व सिख तीर्थस्थल हेमकुंट साहिब के कपाट श्रद्वालुओं के लिये आज से खुल गए हैं. इसके लिये तीर्थयात्रियों का पहला जत्था कल गोविंदघाट से रवाना हुआ था
चमोली जिले में उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित प्रसिद्व सिख तीर्थस्थल हेमकुंट साहिब के कपाट श्रद्वालुओं के लिये आज से खुल गए हैं. इसके लिये तीर्थयात्रियों का पहला जत्था कल गोविंदघाट से रवाना हुआ था. लगभग पांच हजार तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को प्रदेश के पर्यटन और धर्मस्व कार्य मंत्री सतपाल महाराज ने हरी झंडी दिखाकर गोविंदघाट से घांघरिया के लिये रवाना किया. इस मौके पर महाराज ने तीर्थयात्रियों से तीर्थस्थल की पवित्रता बनाये रखने की अपील करते हुए कहा कि इस बार हेमकुंट मार्ग में तीर्थयात्रियों के लिये बेहतर व्यवस्था बनाने का प्रयास किया गया है.
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सुविधाओं के लिये भी राज्य सरकार की ओर से विशेष प्रयास किये जा रहे हैं. मंत्री ने श्रद्वालुओं से अनुरोध किया कि वे मार्ग और तीर्थस्थल में स्वच्छता बनाये रखने में सहयोग दें.
गोविंदघाट से 15 किलोमीटर दूर स्थित घांघरिया में यह जत्था रात्रि विश्राम करेगा. श्री हेमकुंट गुरूद्वारा प्रबंध समिति के प्रबंधक सेवा सिंह ने बताया कि हेमकुंट साहिब के कपाट 25 मई को पूर्वाह्न में श्रद्वालुओं के लिये खोल दिये जायेंगे. उन्होंने बताया कि यात्रा की सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)